आर्य कॉलेज, लुधियाना के संस्कृत एवं हिंदी विभाग द्वारा भक्ति साहित्य और लोक चेतना विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ ,जिसमें विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से पधारे प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों द्वारा पत्र प्रस्तुतीकरण किया गया। इस एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि की भूमिका डॉ त्रिलोचन शर्मा, पूर्व प्राचार्य श्री सरस्वती संस्कृत कॉलेज, खन्ना ने निभाई ।संगोष्ठी का प्रारंभ ज्योति प्रज्ज्वलन के द्वारा हुआ ।ज्योति प्रज्ज्वलन के उपरांत कॉलेज प्राचार्या डॉ सूक्ष्म आहलूवालिया ने मुख्य अतिथि एवं विभिन्न प्रांतों और शहरों से आए हुए पत्र प्रस्तुतकर्ताओं का स्वागत किया और हिंदी व संस्कृत विभाग के इस उद्यम के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भक्ति काल का सहित्य एक स्वर्ण युग कहलाता है और उस साहित्य में लोक चेतना विषय पर शोध पूर्ण विचार विमर्श निश्चय ही एक महत्वपूर्ण कार्य है। आर्य कॉलेज प्रबंधकीय समिति के सचिव डॉ एसएम शर्मा ने भी संस्कृत एवं हिंदी विभाग के इस सराहनीय कदम की प्रशंसा की। सभी प्रतिभागियों ने भक्ति साहित्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने शोध – पत्र पढ़े। तकनीकी सत्र के अंत में मुख्य अतिथि डॉ त्रिलोचन शर्मा ने सभी पत्रों की समीक्षा करते हुए अपना वक्तव्य दिया ।उन्होंने ज्ञानवर्धक पत्र पढ़ने के लिए सभी पत्र प्रस्तुत कर्ताओं को बधाई दी ।अंत में हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ.तजिन्दर भाटिया और संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ आशीष शर्मा ने मुख्य अतिथि एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से पधारे हुए विद्वजनों का धन्यवाद किया और कहा कि चयनित शोध पत्रों का पुस्तक रूप में प्रकाशन भी किया जाएगा।